राफेल Vs पाकिस्तान का F-16,Vs चीन का J-20 जानिए कौन कितना ताकतवर ?
नई दिल्ली: आज लड़ाकू राफेल विमानों की अंबाला में लैंडिंग होगी। फ्रांस से रवाना 5 राफेल विमानों की पहली खेप अंबाला एयरबेस पहुंचेगी। वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया विमानों को रिसीव करेंगे। यहां वो पायलट्स से भी मुलाकात करेंगे। विमानों की लैंडिंग से पहले अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। एयरफोर्स स्टेशन के आसपास धारा 144 लगा दी गई है। इसके अलावा फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर भी पाबंदी लगा दी गई है। 3 किलोमीटर के इलाके में पतंग और ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध है।
दुशमन पर कहर बनकर टूटने वाला राफेल भारत में ऐसे समय पर आ रहा है, जब मई महीने से भारत और चीन के बीच सीमा पर विवाद चल रहा है। इस बीच राफेल की पहली खेप की तैनाती अंबाला में ही की जा रही है, जोकि चीन बॉर्डर से 300 किमी. की दूरी पर ही है। ऐसे में अगर जरूरत पड़ती है तो चंद मिनटों में ही राफेल को बॉर्डर पर पहुंचाया जा सकता है यानी अगर दुश्मन कोई गुस्ताखी करता है तो उसपर एक्शन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
हर हिंदुस्तानी ये जानना चाहता है कि जिस राफेल लड़ाकू विमान को गेमचेंजर बताया जा रहा है, वो पाकिस्तान के चौथी पीढ़ी के फाइटर जेट एफ-16 और चीन के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जे-20 से कितना ताक़तवर साबित होगा।
राफेल Vs F-16 Vs J-20
भारत का राफेल सिंगल सीटर और डबल इंजन वाला विमान है। वहीं, चीन का J-20 सिंगल सीटर और डबल इंजन वाला जेट है। जबकि पाकिस्तान का F-16 लड़ाकू विमान सिंगल इंजन वाला है, जो कि राफेल से कमतर है।
अगर मल्टीरोल की बात करें, यानी अलग-अलग भूमिकाएं निभाने की बात हो तो इस मोर्चे पर राफेल मल्टीरोल वाला फाइटर जेट है। वहीं चीन का J-20 स्टील्थ फाइटर जेट है यानी राफेल से कमतर है और पाकिस्तान का F-16 विमान भी मल्टीरोल फाइटर जेट है।
राफेल निगरानी, गश्त और अटैक तीनों ही भूमिकाएं निभा सकता है। जबकि चीन का J-20 सिर्फ़ निगरानी और अटैक कर सकता है। यहां भी ये राफेल से एक कदम पीछे है। वहीं, पाकिस्तान का F-16 विमान गश्त और अटैक कर सकता है यानी ये भी राफेल से एक कदम पीछे है।
राफेल की रेंज 3,700 किलोमीटर तक मार करने की है जबकि चीन के J-20 की मारक रेंज 2,700 किलोमीटर है। मारक क्षमता के मामले में भी चीन का जे-20 फाइटर जेट राफेल से पीछे है। वहीं पाकिस्तान के F-16 की मारक क्षमता 4,200 किलोमीटर तक है।
वज़न ले जाने की क्षमता: राफेल की क्षमता 24.5 टन की है, जबकि चीन का J-20 34 टन वज़न लेकर उड़ सकता है। वहीं, पाकिस्तान का F-16 विमान 21.7 टन लेकर ही उड़ सकता है। यहां भी पाकिस्तान का एफ-16 विमान राफेल से काफ़ी पीछे है।
स्पीड: राफेल की रफ्तार 2222 किलोमीटर प्रतिघंटा की है, जबकि चीन के J-20 फाइटर जेट की स्पीड 2,100 किलोमीटर प्रतिघंटा की है, जोकि राफेल से काफ़ी पीछे है। वहीं पाकिस्तान के F-16 विमान की रफ्तार 2,400 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जो राफेल से थोड़ी ज़्यादा है।
वज़न: राफेल का वज़न करीब 10 टन है। वहीं, चीन का J-20 19 टन वज़नी है और पाकिस्तान के F-16 विमान का वज़न 9.2 टन है।
हमलावर क्षमता: राफेल की हमलावर क्षमता ये है कि इससे परमाणु हथियार और मिसाइलें फायर की जा सकती हैं। वहीं, चीन का J-20 लड़ाकू विमान भी परमाणु हथियार से हमला करने में सक्षम है जबकि पाकिस्तान का F-16 विमान मिसाइलों से ही हमले कर सकता है।
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